मंदिरों में सामन्य तौर पर नारियल, मिश्री, मखाने, चने या कोई मिठाई प्रसाद के तौर पर दी जाती है।
लेकिन भारत में कुछ मंदिर ऐसे है जहाँ कुछ हट के प्रसाद दिया जाता है और कुछ मंदिरों में तो ऐसा प्रसाद दिया जाता है जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते।
आइये जाने भारत के कुछ ऐसे ही मन्दिरो के बारे में …
1) थ्रिसुर, महादेव मंदिर
केरल के थ्रिसुर महादेव मंदिर में प्रसाद के रूप में भक्तों को खाने की सामग्री की बजाए ब्रोशर्स, सीडी-डीवीडी और टैक्स्ट बुक्स वितरित की जाती हैं। मंदिर ट्रस्ट का मानना है कि ज्ञान के प्रचार आैर प्रसार से बढ़कर अन्य कोई प्रसाद हो ही नहीं सकता…इसीलिए यह मन्दिर मेरी नजर में प्रथम स्थान पर है हुजूर ….
2) चाइनीज काली मंदिर, कोलकाता
कोलकाता के टांगरा में बनें चाइनीज काली मंदिर में नूडल्स का प्रसाद मिलता है हुजूर है ना एकदम ठलुआई टाइप ।
3) खबीस बाबा मंदिर, सीतापुर
उत्तरप्रदेश के सीतापुर में स्थित खबीस बाबा मंदिर में शराब का प्रसाद अर्पित किया जाता है और प्रसाद के रूप में वही शराब भक्तों में वितरित कर दी जाती है।
4) पुरी, जगन्नाथ मंदिर
जगन्नाथ मंदिर से आरंभ होने वाली रथयात्रा विश्व भर में लोगों की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर में भगवान को प्रसाद के रूप में 56 व्यंजनों का भोग लगाया जाता है। उसके बाद जिन भक्तों ने इस प्रसाद को ग्रहण करना हो वह आनंद बजार के स्टॉल्स से इसे खरीद लेते हैं।
5) बालसुब्रमणिया मंदिर, अलेप्पी
केरल के अलेप्पी में बना हुआ है बालसुब्रमणिया मंदिर। बालामुरुगन भगवान को चॉकलेट बहुत प्रिय है। इसलिए यहां भगवान को प्रसाद के रूप में चॉकलेट ही अर्पित की जाती है और चॉकलेट का ही प्रसाद वितरित किया जाता है।
6) धनदायुथपानी स्वामी मंदिर, पलानी
तमिलनाडू के पलानी में अवस्थित भगवान मुरुगन के मंदिर में प्रसाद के रूप में पांच फल, गुड़ और शुगर कैंडी को मिलाकर “जैम” जैसी खाद्य सामग्री प्रसाद के रूप में दी जाती है।
7) अलागार मंदिर, मदुरै
कहा जाता है जैसा देश वैसा भेस तमिलनाडू के मदुरै में बने भगवान विष्णु के अलागार मंदिर में प्रसाद के रूप में डोसा मिलता है।
8) कामाख्या देवी मंदिर, गुवाहाटी
हर वर्ष गुवाहाटी के कामाख्या देवी मंदिर में भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। मेले के दौरान 3 दिन के लिए मां के दर्शन आम भक्तों के लिए बंद कर दिए जाते हैं और चौथे दिन जब मंदिर के द्वार खुलते हैं तो बहुत बड़ी संख्या में भक्तों का तांता मां के दर्शन के लिए लग जाता है। प्रसाद के रूप में प्रत्येक भक्त को एक गीला कपड़ा प्राप्त होता है। कहा जाता है की ये कपड़ा मां के रज से भीगा होता है।
9) अमाब्लापुझा, श्री कृष्ण मंदिर
केरल के थिरुवंथपुरुम के समीप ही बने अमाब्लपुझा में भगवान कृष्ण के मंदिर में प्रसाद के तौर पर दूध, चीनी और चावल से निर्मित पायसम मिलता है।
10) बीकानेर, करणी माता मंदिर
राजस्थान के बीकानेर में स्तिथ यह मंदिर चूहों वाला मंदिर और करणी माता, चूहों वाली माता के नाम से भी जानी जाती है। इस मंदिर में 20000 से ज्यादा चूहें रहते है। इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है की यहाँ चूहों का जूठा प्रसाद भक्तों को दिया जाता है। यहाँ पर रहने वाले चूहें माता की संतान माने जाते है।
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