छिंदवाड़ा जिले मे हमारे रघुवंशी भाई अपना सरनेम डंडीर , वर्मा, पटेल , चौधरी आदि लिखने लगे है।मै अपना व्यक्तिगत मत बता रहा हूँ हो सकता है मै गलत हूँ।
मेरे मत से हमे अपना सरनेम सिर्फ और सिर्फ रघुवंशी लिखना चाहिये । इसके दो कारण है
(1) सरनेम बदलने से हमारी पहचान खत्म होने लगती है।जैसे वर्मा सरनेम से ये पता नही चलता है कि हम कौन है क्योकि वर्मा सरनेम लोधी ,खाती ,पिछडा वर्ग के लोग लिखते है इसी प्रकार चौधरी सरनेम जाट हरिजन आदि लिखते है पटेल सरनेम कुर्मी धाकड़ गुजर आदि लिखते है ।चौधरी पटेल वर्मा डंडीर आदि सरनेम से अन्य जिलो के रघुवंशी ये नही समझ पाते कि ये रघुवंशी हो सकते है
छिदवाडा से लगभग 150 साल षहले रघुवंशी महाराष्ट्र गये थे उनमे से कुछ स्थानो के रघुवंशियो ने अपना सरनेम महाजन भजन करमुरे नकुरे पाटील आदि लिखने लगे थे आज ये राघवी कहलाते है और ये रघुवंशियो से बिल्कुल अलग हो गये है।मुझे डर है छिदवाडा के रघुवंशी भी अलग न हो जाये।
ग्वालियर सीकरी आगरा से लेकर मथुरा मुजफ्फरनगर तक रघुवंशी रहते थे जो आज जाट कहलाते हे और उनके और हमारे बीच कोई संबंध नही रहा
(2)-एक बार भगबान श्रीराम अयोध्या के राजदरबार मै बैठे थे तब भरत जी ने प्रस्ताव रखा कि सूर्यवंश की इस शाखा मे जब महाप्रतापी राजा इक्ष्वाकु हुये तो इस वंश का नाम इक्ष्वाकुवंश हुआ। फिर इक्ष्वाकु वंश मे राजा रघु हुये तो इस वंश का नाम रघुवंश हुआ।आप भी रघुवंश के महान सम्राट है अतः अब अपने वंश का नाम रामवंश कर दिया जाये तो रामजी ने कहा कि इस वंश मे राजा रघु से महान राजा न तो हुआ है और न होगा ।अतः किसी भी स्थिति मे इस वंश का नाम नही बदला जायेगा ।इस वंश के सभी वंशज अपनी को रघुवंशी कहेगे राम के वंशज नही। भगवान राम की इस बात को अयोध्या के रघुवंशियो ने माना ।आज सभी इतिहासकार , ब्राह्मण अन्य इन(हम) रघुवंशियो को शुद्ध आर्य क्षत्रिय मानते है परन्तु भरत शत्रुघन लक्ष्मण जी के वंशजो ( सिसोदिया गहलौत कुशवाहा राणा वडगुजर सिकरवार आदि) को शुद्ध आर्य न मानकर इनको विदेशी मानते है इन्हे बार बार प्रमाण देना पड़ता है कि हम भारत के सूर्यवंशी क्षत्रिय है परन्तु इतिहासकार नही मानते ।कही ऐसा हमारे साथ न हो इसलिये हमे सिर्फ और सिर्फ रघुवंशी लिखना चाहिये।
जो रघुवंशी अपना सरनेम रघुवंशी नही लिखते उनसे निवेदन है कि क्या आपको रघुवंशी से अच्छा सरनेम पटेल वर्मा चौधरी अच्छा लगता है हम क्यो दूसरो के सरनेम का उपयोग करे
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